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Paperback Main Nastik Kyun Hoon [Hindi] Book

ISBN: B0FJC4YXVX

ISBN13: 9788198485526

Main Nastik Kyun Hoon [Hindi]

मैं नास्तिक क्यों हूँ' भगत सिंह द्वारा लिखित एक क्रांतिकारी और विचारोत्तेजक निबंध है, जिसे उन्होंने 1930 में जेल में रहते हुए लिखा था। यह निबंध न केवल उनके नास्तिक होने के कारणों को स्पष्ट करता है, बल्कि धार्मिक विश्वासों, ईश्वर की अवधारणा, और तर्क-विवेक पर आधारित सोच के महत्व पर भी गहराई से प्रकाश डालता है।ईश्वर में अविश्वास का तर्क भगत सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि वे ईश्वर को नहीं मानते, क्योंकि उनके अनुसार ईश्वर का अस्तित्व सामाजिक अन्याय और शोषण को वैध ठहराने का एक माध्यम बन चुका है।धर्म की आलोचना उन्होंने धर्म को रूढ़ियों, अंधविश्वासों और सामाजिक बुराइयों का स्रोत माना। उनका मानना था कि जब तक इंसान धार्मिक ढकोसलों में उलझा रहेगा, वह सच्चे क्रांतिकारी बदलाव की ओर नहीं बढ़ सकता।वैज्ञानिक सोच और तर्क भगत सिंह ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की बात की। उन्होंने कहा कि कोई भी विश्वास तब तक स्वीकार्य नहीं होना चाहिए जब तक वह तर्क और प्रमाणों पर खरा न उतरे।व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी उन्होंने यह भी लिखा कि एक नास्तिक होना केवल ईश्वर को न मानने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक उच्च नैतिक जिम्मेदारी है - अपने कार्यों का उत्तरदायित्व ì

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Format: Paperback

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